"एक अन्धेरा लाख सितारे , एक निराशा लाख सहारे
सबसे बड़ी सौगात हैं जीवन नादाँ हैं जो जीवन से हारे "
कल ही हम यह गाना "आखिर क्यूँ " चल चित्र से सुन रहे थे। हमें लगा की कोई भी टूटा हुआ इंसान इस गाने के बोल सुनते ही फिर अपनी मंजिलों को पाने की जोश में आ जायेगा। कितने सुन्दर पंक्तियाँ लिखे हैं कवी इन्दीवर ने। चलिए इस गाने के पूरे बोल जान ले :
चलचित्र : आखिर क्यूँ (१९८५)
बोल: इन्दीवर
गीतकार: राजेश रोशन
गायक: मोहम्मद अज़ीज़
एक अन्धेरा लाख सितारे , एक निराशा लाख सहारे
सबसे बड़ी सौगात हैं जीवन नादाँ हैं जो जीवन से हारे
दुनिया की ये बगिया एसी- जितने काँटे , फूल भी उतने
दामन में खुद आ जायेंगे , जिनकी तरफ तू हाथ पसारे ॥
बीते हुए कल की खातिर , तू आनेवाला कल मत खोना
जाने कौन कहा से आ कर , राहे तेरी फिर से सवारे ॥
दुःख से अगर पहचान न हो तो कैसा सुख कैसी खुशियाँ
तुफानो से लड़कर ही तो लगते हैं साहिल इतने प्यारे ॥
वाह! क्या बोल हैं। ऐसे आशावादी शब्दों की ज़रुरत कभी न कभी हम सबको होती हैं । पर यह तो हुई उन दिनों की बात जब कवियों के ऐसी रचनाए रोज़ मर्रा ही निकलती थी। आज कल के गानों में ऐसे उम्मीद भरें शब्द कभी कबार ही सुनने को मिलती हैं। ऐसा एक गाना कुछ साल पहले आया था और लोगों ने भी इसे खूब सराहा था। प्रस्तुत हैं एक ऐसी ही मनपसंद आशावादी कविता :
एल्बम: वैसा भी होता हैं
बोल और गायन: कैलाश खेर
टूटा टूटा एक परिंदा ऐसे टूटा
के फिर जुड़ ना पाया
लूटा लूटा किसने उसको ऐसे लूटा
के फिर उड़ ना पाया
गिरता हुआ वोह असमान से
आकर गिरा ज़मीन पर
ख्वाबों में फिर भी बादल ही थे
वो कहता रहा मगर
के अल्लाह के बन्दे हसदे अल्लाह के बन्दे
अल्लाह के बन्दे हसदे जो भी हो कल फिर आएगा ॥
खो के अपने पर ही तो उसने था उड़ना सीखा
घम को अपने साथ में ले ले दर्द भी तेरे काम आएगा ॥
अल्लाह के बन्दे हसदे अल्लाह के बन्दे..
टुकड़े टुकड़े हो गया था हर सपना जब वोह टूटा
भिकरे टुकड़ों में अल्लाह की मर्ज़ी का मंज़र पायेगा
अल्लाह के बन्दे हसदे अल्लाह के बन्दे
अल्लाह के बन्दे हसदे जो भी हो कल फिर आएगा ॥
और कुछ हम "उड़ने दो ..!" के अगली कड़ी में सुनायेंगे । तब तक हमें आज्ञा दे!
are vaah aisa hi to kuchh main khoj rahaa thaa.. aastha bahut-bahut dhanyavaad....lekin is blog par jaate-jaate aayaa hun....ab baad men dekh paaungaa...!!
ReplyDeletebahut khubsurat blog .bar bar aana chahunga
ReplyDeletedono hi gaane bahut khubsurat hain.
ReplyDeletefilm "aakhir kyun" ka gaana sunkar waakayi man aashavadi ho uthta hai.
sundar post
achha laga aakar
thanks
कृपया वर्ड वैरिफिकेशन की कष्टकारी प्रक्रिया हटा दें ! यूँ लगता है मानो शुभेच्छा का भी सार्टिफिकेट माँगा जा रहा हो !
ReplyDeleteबहुत ही आसान तरीका :-
ब्लॉग के डेशबोर्ड पर जाएँ >
सेटिंग पर क्लिक करें >
कमेंट्स पर क्लिक करें >
शो वर्ड वैरिफिकेशन फार कमेंट्स >
यहाँ दो आप्शन होंगे 'यस' और 'नो' बस आप "नो" पर टिक
कर दें >
नीचे जाकर सेव सेटिंग्स कर दें !
देखा ***** कितना आसान *****
ऐसे ही कई सुन्दर गीत आप हमारी महफिल में आकर सुन भी सकती हैं।
ReplyDeleteगीतों की महफिल
very nice
ReplyDeletehttp://www.ashokvichar.blogspot.com
http://drashokpriyaranjan.blogspot.com
दोस्तों,
ReplyDeleteहमारे पहले ही लेखन पर आप लोगों से इतना प्रोत्साहन मिलेगा , हमें अंदाज़ा नहीं था. आकर मेरा लेखन पड़ने के लिए ,डेरों धन्यवाद.
हमने आपके विचार व टिप्पणियां पढ़ी हैं, हम इस पर गौर ज़रूर करेंगे. हम अभी हिंदी लेखन में नए ही हैं, जिस कारण आपको हमारे लेखन/ब्लॉग में कई कमियां महसूस हो सकती हैं .
हमें इन पर काम करने का मौका दे. हम आपके लेखन/ब्लॉग समय मिलते ही ज़रूर पड़ेंगे. यहाँ आते रहिये! फिर से, धन्यवाद.
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
ReplyDelete